क्या CM योगी आदित्यनाथ के ऊपर बनी फिल्म को मिली स्वीकृति

 क्या CM योगी आदित्यनाथ के ऊपर बनी फिल्म को मिली स्वीकृति 



यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के जीवनी के ऊपर बनी फिल्म का नाम है Ajey: The Untold Story of a Yogi । 
इस फिल्म के निर्देशन रवींद्र गौतम ने किया है और सम्राट सिनेमैटिक्स के तहत रितु मेंगी द्वारा निर्मित है। इस मूवी में योगी आदित्यनाथ का रोल अनंत जोशी , उनके गुरु के रूप में परेश रावल और अन्य किरदार में दिनेश लाल यादव देखने को मिलेगे ।
यह मूवी द मॉन्क हु बीकॉम चीफ मिनिस्टर नामक पुस्तक पर आधारित है जो शांतनु गुप्ता द्वारा लिखी गई है।

योगी आदित्यनाथ की जीवनी पर आधारित 



फिल्म में  योगी आदित्यनाथ के बल रूप का वर्णन है और दिखाया गया है कि कैसे एक बालक जो उत्तराखंड के पहाड़ों से आता है । किस प्रकार के संघर्ष वो करता है और किस प्रकार वो भारत का अग्रिणी लीडर बनकर  उभरता है।
उनके संघर्षों, साहसिक निर्णयों और अटूट नेतृत्व के माध्यम से, कहानी यह बताती है कि किस प्रकार उन्होंने चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर अंततः भारत के सबसे बड़े राज्य का नेतृत्व किया है ।
इसमें एक शांत, अंतर्मुखी बालक से एक योगी और बाद में एक सुधारवादी राजनीतिज्ञ बनने तक के उनके परिवर्तन को दर्शाया गया है।

बॉम्ब हाइकोर्ट

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित एक फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ कर दिया और सेंसर बोर्ड को इसे प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने कहा कि उन्होंने फिल्म देखी है और इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया, और इसे बिना किसी संपादन के  रिलीज करने की अनुमति दे दी गई है।

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने शुरू में फिल्म पर 29 आपत्तियां उठाई थीं। एक अपील पर, पुनरीक्षण समिति ने 17 अगस्त को उनमें से 8 आपत्तियों को खारिज कर दिया, लेकिन फिर भी फिल्म को प्रमाणन देने से इनकार कर दिया।
इसके बाद पीठ ने शुक्रवार को फिल्म देखने का फैसला किया। फिल्म देखने के बाद, अदालत ने कहा कि इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे बदलने की ज़रूरत हो।

 केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम आप्टे ने  बताया  कि फिल्म में अश्लीलता(भाषा ) है और यह मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के लिए अपमानजनक हो सकती है, जबकि अदालत ने कहा कि फिल्म में न तो अश्लीलता है और न ही अपमानजनक सामग्री है।

डिस्क्लेमर के साथ स्वीकृत 

अदालत ने आगे सुझाव दिया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को एक अतिरिक्त डिस्क्लेमर की आवश्यकता हो सकती है जिसमें कहा गया हो कि फिल्म एक रचनात्मक कार्य है और काल्पनिक पात्रों पर आधारित है।

निर्माताओं के वकील रवि कदम और अधिवक्ता सत्या आनंद तथा निखिल अराधे ने कहा कि फिल्म में तीन पंक्तियों का डिस्क्लेमर शामिल किया गया है, जिसमें कहा गया है कि फिल्म काल्पनिक है और वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है और उसे बाद फिल्म को स्वीकृत दे दी गई ।
 
इमेज क्रेडिट  x.com और फाइल 

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